मथुरा, नवम्बर 3 -- भारत निर्वाचन आयोग ने 22 वर्ष बाद अब प्रदेश में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान शुरू किया है। राहत भरी बात यह है कि करीब 70 प्रतिशत मतदाताओं को इस अभियान के दौरान कोई भी दस्तावेज नहीं देना पड़ेगा। आयोग ने वर्ष 2003 में हुए एसआईआर की मतदाता सूची से वर्तमान मतदाता सूची का मिलान किया है। करीब 48 प्रतिशत मतदाताओं के नाम दोनों मतदाता सूचियों में दर्ज हैं। कई ऐसे मतदाता भी हैं जिनके माता-पिता के नाम सूची में पहले से हैं, इन्हें भी अभियान के दौरान कोई भी पहचान व आवास का प्रमाण पत्र नहीं देना होगा। कुछ मतदाताओं के नाम दो जगह हैं तो कुछ दूसरे स्थानों को चले गए हैं। कुछ मतदाताओं का निधन हो चुका है। ऐसे में करीब 30 प्रतिशत मतदाता ही ऐसे बचेंगे, जिन्हें पहचान के लिए 13 मान्य दस्तावेजों में से एक अनिवार्य रूप से ब...
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