सत्यदेव यादव। रांची, जून 30 -- बीते सात वर्षों में प्राकृतिक आपदाओं ने झारखंड पर गहरा प्रभाव डाला है। वर्ष 2017-18 से 2023-24 तक राज्य को सूखा, बाढ़, चक्रवात, बिजली गिरने, ओलावृष्टि, आगजनी, शीतलहर और पेयजल संकट जैसी आपदाओं ने बार-बार घेरा और भारी क्षति पहुंचाई है। राज्य में 2017 से 24 के दौरान विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं में 8676 लोगों की मौत हुई, जबकि 4405 पशुओं की क्षति हुई है। दूसरी ओर 2123 घर पूरी तरह ध्वस्त हो गए। फसलों, मकानों व सार्वजनिक संपत्तियों का भी बड़ा नुकसान हुआ है। झारखंड को साल दर साल आपदा का दंश झेलना पड़ता है। हर साल बढ़ती प्राकृतिक त्रासदियां चेतावनी दे रही हैं। सरकार की रिपोर्ट यह भी दर्शाती है कि प्राकृतिक आपदाओं की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि हो रही है, जिससे आपदा प्रबंधन और पूर्व चेतावनी प्रणाली को सशक्त बनाने की जर...