धनबाद, अक्टूबर 25 -- धनबाद, गंगेश गुंजन अपना धनबाद 69 वर्षों का हो गया। लगभग सात दशक पहले 24 अक्तूबर 1965 को बंगाल के मानभूम जिले से काटकर बने धनबाद ने इस दौरान कई उतार-चढ़ाव देखे। देश की कोयला राजधानी के नाम से मशहूर धनबाद शहर कभी रोजगार देनेवाले शहर के नाम से जाना जाता था। कोयला आधारित उद्योग में काम करने के लिए पूरे भारत से लोग यहां आते थे। धनबाद में जिस रफ्तार से आबादी बढ़ती गई, उस रफ्तार से यहां विकास के काम पूरे नहीं हुए। धनबाद के कोयले से देश के कई हिस्सों में बिजली पहुंचती है लेकिन 69 वर्षों बाद भी धनबाद में निर्बाध बिजली नहीं मिलती है। गर्मी के मौसम में तो 8-10 घंटे तक बिजली कटती है। कोयले के शहर में कोयला आधारित उद्योग पिछले दो दशक में तेजी से बंद होते गए। इससे बेरोजगारी की समस्या भी तेजी से बढ़ती चल गई। वाहन इतने वर्षों में 10 ...
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