रांची, अक्टूबर 15 -- देश की पहली DNA-आधारित जनगणना के अनुसार, झारखंड में जंगली हाथियों की आबादी में भारी गिरावट दर्ज की गई है। यह संख्या 217 तक पहुंच गई है, जो 2017 के 678 के आंकड़े से बहुत कम है। वन्यजीव विशेषज्ञों ने इसे चिंताजनक बताया है और इस गिरावट के लिए बढ़ते मानव-हाथी संघर्ष, हाथियों के आवागमन के गलियारों पर अतिक्रमण और पर्यावास के नुकसान (habitat loss) को जिम्मेदार ठहराया है। अखिल भारतीय समकालिक हाथी आकलन (SAIEE) 2025 ने झारखंड में हाथियों की आबादी को 149 और 286 के बीच रखा है, जिसका औसत 217 है। यह रिपोर्ट केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने मंगलवार को जारी की, जबकि सर्वेक्षण 2021 में शुरू हुआ था।विशेषज्ञों की राय राज्य वन्यजीव बोर्ड के पूर्व सदस्य डी एस श्रीवास्तव ने बताया, "झारखंड अब हाथियों के लिए सुरक्षित ठिकाना नहीं रहा। हमने खनन, ...
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