प्रयागराज, जनवरी 27 -- महाकुम्भ में जूना अखाड़े में नागा दीक्षा देने का कार्यक्रम जारी है। सोमवार को दिन में 500 पुरुषों ने अपना पिंडदान कर दीक्षा पूरी की। वहीं मध्य रात्रि 150 महिला संतों ने पिंडदान किया और संत समाज में शामिल हो गईं। अब तक बनाए गए सभी नागा साधु बुधवार को मौनी अमावस्या पर एक साथ धर्म ध्वजा के नीचे आएंगे और संगम स्नान करेंगे। जूना अखाड़े में सोमवार सुबह से ही नागा दीक्षा का कार्यक्रम शुरू हो गया। सुबह सभी संत गंगा के तट पर पहुंचे और फिर उन्होंने गंगा में स्नान किया। जिसके बाद जूना अखाड़े के साधु-संतों ने अपना पिंडदान किया। अपनी सात पुश्त आगे और सात पुश्त पीछे का भी पिंडदान कर सारे रिश्ते तोड़ दिए। इसके बाद सभी का विजया हवन हुआ। इस हवन का अर्थ है कि अगर धर्म की रक्षा करते हुए उनकी मृत्यु हो जाए तो ईश्वर उन्हें अपने लोक में ...