मुजफ्फरपुर, अप्रैल 21 -- मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। 6300 स्कूलों में बच्चों को अब भी शौचालय नसीब नहीं है। सूबे के इन स्कूलों में फंक्शनल टॉयलेट का अभाव है। इनमें 4854 सरकारी और 1446 निजी स्कूल हैं। जिले में 340 स्कूलों में बच्चे शौचालय के अभाव में दुर्दशा झेल रहे है। सबसे खराब स्थिति सुपौल, पश्चिम चंपारण व अन्य जिलों की है। बिहार शिक्षा परियोजना की रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है। सुपौल जिले में 25 फीसदी से अधिक स्कूलों में शौचालय नहीं है। सहरसा इस मामले में दूसरे स्थान पर है। यहां 15 फीसदी से अधिक स्कूलों में बच्चों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। पूर्वी चंपारण में 10 फीसदी से अधिक स्कूलों में शौचालय नहीं है। मुजफ्फरपुर में ऐसे स्कूलों की संख्या आठ फीसदी है। पूर्णिया, रोहतास, अररिया जैसे जिलों में स्थिति ठीक है। इन जिलों में एक फीसदी और उस...