छपरा, मई 6 -- मढ़ौरा, एक संवाददाता 1962 में हुए चीन युद्ध के बाद 2025 में मढ़ौरा और इसके आसपास के लोग युद्ध को लेकर मॉक ड्रिल की बात करने लगे हैं। यहां के कई बुजुर्ग बताते हैं कि आज से करीब 63 साल पहले जब भारत व चीन का युद्ध शुरू हुआ था उस वक्त प्रशासन के निर्देश पर रात में घरों की लाइट बुझा दी जाती थीं और गांव-गांव में लंबे-लंबे नालों के आकार में गड्ढे खुदवा दिए गए थे। इसमें हमले के वक्त छुपने की ट्रेनिंग दी गई थी। हालांकि अब यहां कोई भी सिविल डिफेंस समिति अस्तित्व में नहीं है। बावजूद इसके विभिन्न समाचार माध्यमों से मिल रही जानकारी को लेकर लोग आपस में युद्ध के समय हवाई हमले का सायरन बजने के बाद सुरक्षा के दृष्टिकोण से उठाए जाने वाले जरूरी कदमों की चर्चा हर चौक चौराहों पर करते हुए सुन जा रहे हैं। राहीमपुर निवासी बुजुर्ग ग्रामीण दीपनारायण सि...