हिन्दुस्तान ब्यूरो, सितम्बर 9 -- बिहार की 15 निबंधित राजनीतिक दलों पर कार्रवाई होगी। पिछले छह साल से एक भी चुनाव नहीं लड़ने वाले इन दलों को नोटिस भेजकर एक सितंबर को सुनवाई की जा चुकी है। बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर कुछ दलों ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है। हालांकि, अधिसंख्य दल कारण बताओ नोटिस का जवाब देने सीईओ के दफ्तर पहुंचे ही नहीं। ऐसे सभी राजनीतिक दलों की रिपोर्ट तैयार कर सीइओ ने भारत निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट भेज दी है। चुनाव आयोग के मुताबिक इन दलों ने 2019 से अब तक किसी भी चुनाव में हिस्सा नहीं लिया है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत सूचीबद्ध दलों को कई सुविधाएं मिलती हैं, मगर निष्क्रियता की स्थिति में उनकी मान्यता व लाभ रद्द किये जा सकते हैं। यह भी पढ़ें- बिहार में ठगों के 10 लाख जी मेल अकाउंट का नेपाल...