संवाददाता, सितम्बर 24 -- मौत का एक दिन मुअय्यन है, नींद क्यों रात भर नहीं आती। गालिब का यह शेर कानपुर के हनुमंत विहार के हिमांशु पर सटीक उतरा। नशे के आदी हिमांशु ने पिछले दो साल में फांसी पर झूल कर खुदकुशी की छह कोशिशें कीं। हर बार बच गया। कभी परिजनों ने देख कर बचा लिया तो कभी फंदे गांठ खुल गई, कभी फंदा टूट गया। छठी कोशिश में उसकी मौत तो हो गई पर फांसी पर लटकने से नहीं। इस बार भी फंदे ने उसे बख्श दिया था। लटकते ही फंदा टूट गया और जमीन पर गिरने से उसे गहरी हेड इंजरी आ गई। नशे में होने की वजह से वह उठ नहीं सका और उसकी मौत हो गई। खाड़ेपुर का 27 वर्षीय हिमांशु मजदूरी करता था। परिजनों में मां कुसुमा देवी, भाई राम सेवक और अभिषेक हैं। राम सेवक ने बताया कि सोमवार की रात हिमांशु खाना खाकर पहली मंजिल पर सोने चला गया था। कुछ देर बाद कुछ गिरने की तेज...
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