ओम प्रकाश सती, दिसम्बर 31 -- उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है। हालात दिन-प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं। सरकार करोड़ों रुपये का बजट देने का दावा कर रही है लेकिन संसाधनों की कमी का आलम यह है कि वनकर्मियों को रात में किसी खूंखार वन्यजीव को ट्रैंक्युलाइज करने के लिए ट्रैंक्युलाइज गन में पेंसिल टार्च बांधकर निशाना लगाना पड़ रहा है। खूंखार जानवरों के आतंक से जुड़े आंकड़े भी चिंताजनक हैं। बीते वर्ष की तुलना में करीब 30 प्रतिशत हमलों की वृद्धि हुई है। घायलों की संख्या 480 है और मृतकों की कुल संख्या 42। वन विभाग के पास आधुनिक उपकरणों, हथियारों और आवश्यक संसाधनों की भारी कमी है। संसाधनों के अभाव में वनकर्मियों को हिंसक वन्यजीवों को काबू करने के लिए जान जोखिम में डालकर काम करना पड़ रहा है। हालात यह हैं कि रात को किसी वन्य जीव को ट्र...