अजमेर, जुलाई 24 -- सुप्रीम कोर्ट ने एक 37 साल पुराने मामले में चौंकाने वाला फैसला सुनाया है। 1988 में राजस्थान के अजमेर में 11 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी को अब जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के हवाले किया गया है, क्योंकि अपराध के समय वह नाबालिग था। अब 53 साल का यह व्यक्ति अधिकतम तीन साल तक विशेष सुधार गृह में रह सकता है।क्या है पूरा मामला? यह घटना 17 नवंबर 1988 की है, जब अजमेर में एक 11 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म हुआ। निचली अदालत ने आरोपी को गलत तरीके से बंधक बनाने (धारा 342) और दुष्कर्म (धारा 376) का दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी। राजस्थान हाई कोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पहली बार यह बात सामने आई कि घटना के समय आरोपी नाबालिग था।सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी मुख्य न्यायाधीश बीआर ...
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