दरभंगा, अप्रैल 27 -- दरभंगा। मुंबई की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुवर्णा खलीदकर ने कहा कि 50-55 की उम्र के बाद स्त्रियों में मासिक धर्म समाप्त होना एक सामान्य प्रक्रिया है। इसे रजो निवृति के रूप में जाना जाता है। स्त्री के जीवन का यह सबसे कठिन काल होता है। बहुत कम स्त्रियों में ही इस समय कोई परेशानी नहीं होती है। अधिकांश को हाथ- पांव के कभी गर्म होना, कभी ठंडा होना, मूड की दक्कित, व्यवहार में परिवर्तन, अकारण हड्डी का टूटना जैसी परेशानी होती है। वर्तमान समय में इसके लिए अब सुरक्षित दवाएं उपलब्ध हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञों की सलाह से यह दवाएं सुरक्षित रूप से ली जा सकती हैं। दवा लेने के साथ-साथ जीवन शैली को ठीक रखना बहुत जरूरी है। खान-पान और व्यायाम, कैल्शियम भोजन जिसमें दूध और दूध से बने पदार्थ और रोज 45 मिनट की टहलना लाभदायक है। उन्होंने कहा क...