अररिया, नवम्बर 3 -- 30 अप्रैल 1977 फारबिसगंज की धरती पर संजय गांधी ने की थी घोषणा, रखी थी नींव अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और सहरसा के किसानों के लिए साबित हो सकती थी वरदान, पर किसी ने नहीं दिया ध्यान पश्चिम बंगाल के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा जूट उत्पादक क्षेत्र था सीमांचल और कोसी फारबिसगंज, निज संवाददात 30 अप्रैल 1977 फारबिसगंज की धरती उस दिन उम्मीदों से भरी थी। मंच पर देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी खड़े थे। हजारों की भीड़, कांग्रेस के बड़े नेता, अधिकारी और किसानों की उत्साहित टोलियां सब मौजूद थे। तब संजय गांधी ने अपने जोशीले भाषण में कहा: अब सीमांचल बदलेगा। यहां के खेतों से निकला जूट अब दिल्ली या कोलकाता नहीं जाएगा, यहीं फारबिसगंज में तैयार होगा। उसी दिन फारबिसगंज में जूट मिल की नींव रखी गई थी। करोड़ो रुपये की ला...
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