उन्नाव, नवम्बर 19 -- उन्नाव। 45 साल पहले हुए डबल मर्डर में बुधवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम में अंतिम सुनवाई पूरी हुई। दोषी को उम्रकैद के साथ 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। मुकदमे की सुनवाई के दौरान दो आरोपितों की मौत हो चुकी थी। बीघापुर थानाक्षेत्र के सातन गांव निवासी बल्देव प्रसाद उर्फ वीरेंद्र उर्फ मान ने छह नवंबर 1980 को तत्कालीन बीघापुर एसओ को तहरीर देकर बताया कि गांव निवासी चाचा प्रयाग नारायन शुक्ल ने बलराम तिवारी हत्याकांड में गवाही दी थी, जिसमें सुमरहा गांव के विजय राज बहादुर, सातन के बरजोर यादव, सुमरहा गांव के स्वामी पांडेय, कोलुहागाड़ा गांव निवासी ओमप्रकाश को आजीवन कारावास की सजा हुई थी। मामले में दोषी विजय राज बहादुर चाचा से रंजिश मानाता था। मामले में सभी दोषी जमानत पर बाहर आए थे। रंजिश मानते हुए विवाद किया। इसपर दोनों ...