रामपुर, सितम्बर 22 -- जिले में 43 करोड़ बकाया होने से मनरेगा के कार्यों पर ब्रेक लग गया है। भुगतान नहीं होने से ग्राम प्रधान काम कराने से परहेज कर रहे हैं। भुगतान में देरी होने से ग्राम प्रधानों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं, क्योंकि अगले साल उनका कार्यकाल भी खत्म हो जाएगा। वित्तीय वर्ष 2024-25 में मनरेगा में 50 करोड़ रुपये का पक्का काम हुआ। पूरे साल काम कराने के बाद बीते दिनों शासन ने मैटेरियल मद का सात करोड़ रुपये का भुगतान किया था। देखा जाए तो अभी भी पिछले साल के मनरेगा में पक्के काम के 43 करोड़ रुपये बकाया है। चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 का भी मैटेरियल और मजदूरी को मिलाकर आठ करोड़ रुपये का बकाया है। भुगतान नहीं होने से ग्राम प्रधान सामानों की आपूर्ति करने वाली फर्मों के तगादे से परेशान हैं। पुराना भुगतान न होने से ग्राम प्रधान गांवों में मनरे...