नई दिल्ली। हिन्दुस्तान, जुलाई 11 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने 1984 के भ्रष्टाचार मामले में दोषी 90 वर्षीय व्यक्ति की सजा घटाकर एक दिन कर दी। जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने स्वॉर्ड ऑफ डैमोकल्स को एक उदाहरण के रूप में इस्तेमाल करते हुए कहा कि लगभग 40 सालों तक मुकदमा लंबित रहना ही अपने आप में एक सजा थी। जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने माना कि अपीलकर्ता वृद्ध है और गंभीर बीमारियों से पीड़ित है, ऐसे में कारावास से उसे स्थायी क्षति हो सकती है। अदालत ने कहा कि शीघ्र सुनवाई के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है। बेंच ने सजा की अवधि कम करते हुए अपील आंशिक रूप से स्वीकार की और उसे पहले से पूरी हुई सजा मान लिया। यह है आरोप : 1984 में एसटीसी के चीफ मार्केटिंग मैनेजर सुरेंद्र कुमार को एक फर्म से 15 हजार रुपये रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें...
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