नई दिल्ली, जून 24 -- राजस्थान की युवा पीढ़ी आज बेरोजगारी के बढ़ते संकट से दोहरी मार झेल रही है-रोजगार की तलाश के साथ-साथ मानसिक तनाव का भार। मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के तहत मिलने वाला बेरोजगारी भत्ता इस बोझ को कुछ हद तक हल्का करता है, लेकिन सरकार द्वारा कराए गए आधिकारिक मूल्यांकन की हालिया रिपोर्ट बताती है कि यह सहायता मौजूदा समय में नाकाफी साबित हो रही है। रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि बेरोजगार छात्र-छात्राएं मानसिक रूप से अधिक तनावग्रस्त रहते हैं। उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी, इंटर्नशिप के लिए आवा-जाही और पुस्तकें खरीदने जैसी जरूरी चीजों पर अधिक खर्च करना पड़ता है, जबकि पुरुषों को 4000 रुपये और महिलाओं को 4500 रुपये प्रति माह की सहायता राशि दी जा रही है। ऐसे में योजना विभाग के मूल्यांकन संगठन ने सुझाव दिया है कि यह भत्...