नई दिल्ली, नवम्बर 26 -- अपने देश की नई श्रम संहिताएं श्रम बाजार के साथ कैसे तालमेल बिठा पाएंगी? आज यह एक बड़ा सवाल है। बीते शुक्रवार को केंद्र सरकार द्वारा लागू की गईं चार लेबर कोड स्वतंत्र भारत में हुए सबसे बड़े बाजार सुधारों में से एक हैं। नई श्रम संहिताएं मौजूदा श्रम कानूनों को सरल बनाएंगी। कई विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि ये संहिताएं व्यवसायों या उद्योगों को अपने कर्मचारियों के रोजगार की शर्तें तय करने में अधिक स्वतंत्रता देकर भारत के औद्योगिक परिदृश्य को बल प्रदान करेंगी। हालांकि, नई श्रम संहिताओं के कुछ प्रावधानों का श्रम संगठनों द्वारा इस आधार पर विरोध किया जा रहा है कि वे श्रमिकों के अधिकारों को कमजोर करते हैं, लेकिन इस बहस का कोई भी पुख्ता मूल्यांकन भारतीय श्रम बाजार के समग्र मूल्यांकन की मांग करता है। केवल आंकड़ों को ध्यान में...