प्रयागराज, जून 29 -- प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। 36 घंटे में यमुना का जलस्तर तीन मीटर बढ़ने से संगम क्षेत्र में खलबली मच गई। देर रात संगम का जल फैलने से तीर्थ-पुरोहितों की चौकी और झोपड़ियां चपेट में आ गईं। तीर्थ पुरोहित सुबह संगम क्षेत्र पहुंचे तो देखा कि उनकी झोपड़ियां डूब गई हैं। झोपड़ियों में रखी पूजन सामग्री खराब हो गई थीं। तीर्थ पुरोहित सुबह से शाम तक अपने सामान हटाते रहे। यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ने के चलते अरैल घाट का निचला हिस्सा जलमग्न हो गया। शहर के सबसे बड़े घाट पर शनिवार को ही यमुना ने दस्तक दे दी थी। रविवार शाम लोग घाट पर पहुंचे तो छतरी वाला हिस्सा डूब चुका था। यमुना की तुलना में गंगा के जलस्तर बढ़ने की रफ्तार बहुत धीमी थी। यमुना ने दबाव बनाया तो छतनाग का जलस्तर बढ़ा और संगम क्षेत्र में फैलने लगा। सिंचाई विभाग के बाढ़ प्रख...