बगहा, दिसम्बर 6 -- बेतिया,बेतिया प्रतिनिधि। फास्फेटिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग से खेतों की उर्वरा शक्ति घट रही है। किसान मिट्टी जांच के उपरांत ही आवश्यक फास्फेटिक उर्वरकों, जैव उत्पादों, पेस्टिसाइड आदि का प्रयोग संतुलित मात्रा में करें। उक्त बातें सहायक निदेशक, रसायन अमित कुमार ने कहीं। वे बरवत कृषि फार्म स्थित ई- किसान भवन में आयोजित विश्व मृदा दिवस पर किसानों के बीच बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि जिले के मिट्टी में फिलहाल औसतन 97 फीसदी नाइट्रोजन, 40 फीसदी ऑर्गेनिक कार्बन, 17 फीसदी सल्फर, 63 फीसदी जिंक, 21 फ़ीसदी बोरान, 5 फीसदी आयरन की कमी है। इस कमी को पूरा करने के लिए किसानों को अंतर्वत्ती फसलों में दलहनी फसलों को शामिल करने की जरूरत है। अगर किसान फसल चक्र को मेंटेन नहीं किए और जैविक उर्वरकों के बजाय फास्फेटिक उर्वरको यूरिया, डीएपी आद...