कुशीनगर, अगस्त 13 -- कुशीनगर। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी एक ऐसा पर्व है जिसे हर जगह धूमधाम से मनाया जाता है। पुलिस के लिए इस पर्व का अलग ही महत्व है। मगर कुशीनगर जिला ऐसा है जहां जिले के स्थापना के समय से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाने की परंपरा खत्म हो चुकी थी। जनपद सृजन के पहले वर्ष 1994 में ठीक जन्माष्टमी की आधी रात को घटित एक दर्दनाक घटना ने जिले की पुलिस के दिलों पर गहरा असर छोड़ा, जिसके चलते जिले के किसी भी थाने में जन्माष्टमी का पर्व नहीं मनाया जाता था। इस साल पहली बार एसपी ने सभी थानों में जन्माष्टमी का पर्व समारोह पूर्वक मनाने का निर्देश दिया है। इसको लेकर थानों की पुलिस ने क्षेत्र के संभ्रांत लोगों को निमंत्रण देना शुरू कर दिया है। यह कहानी 1994 की है, जब देवरिया जिला से अलग होकर नया जिला पडरौना बना था और तब इसका नामकरण कुशीनगर के...