बुलंदशहर, अक्टूबर 12 -- कभी चूल्हा-चौका तक सिमटी महिलाएं अब अपने परिवार के लिए बड़ा संबल बनीं हैं। बैंक सखी बनकर जिले में सशक्तीकरण की तरफ महिलाओं ने एक और कदम बढ़ाया है। औसतन प्रतिमाह 30 से 40 हजार रुपये कमाकर वह अपने परिवार के लिए सहारा बन रही हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत समूह की महिलाओं को बैंक सखी का काम दिया गया है। जनपद में करीब 152 महिलाएं बैंक सखी का काम कर रही हैं। बैंक सखियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से लगातार पहल की जा रही है। बैंक सखियां गांव-गांव जाकर ग्रामीणों को ऑनलाइन लेन-देन के प्रति जागरूक कर रही हैं। घर बैठे ग्रामीण खाते से पैसा निकाल पा रहे हैं। बैंक सखियों के कार्य करने से ग्रामीणों को बैंक जाकर लंबी लाइन नहीं लगानी पड़ रही है। अधिक सुविधा पेंशनरों को मिली ...