संभल, अगस्त 20 -- गांव सुनवर सराय का वह आंगन, जो बरसों से सूना था, 15 अगस्त 2025 को अचानक हंसी और आंसुओं से गूंज उठा। 27 साल पहले नौकरी की तलाश में निकला भगवान स्वरूप आखिरकार अपने घर लौट आया। सन 1998 में 20 साल की उम्र में पत्नी और मासूम बेटे को छोड़कर वह दिल्ली गया था। वहां रेलवे स्टेशन पर उसे नौकरी का झांसा देकर एक अजनबी अपने साथ ले गया। इसके बाद परिवार ने उसे कभी नहीं देखा। घरवालों ने हर जगह तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। धीरे-धीरे उम्मीद टूट गई। मजबूरी में उसकी पत्नी ने देवर का सहारा ले लिया, मगर किस्मत इतनी बेरहम थी कि कुछ ही समय बाद देवर का भी निधन हो गया और वह फिर अकेली रह गई। इधर 27 साल तक भगवान स्वरूप अजनबी धरती पर भटकता रहा। उसने परिजनों को बताया कि होश आने पर उसने खुद को पहाड़ी इलाके में पाया, जहां एक पठान ने उससे भैंस चरव...