हरदोई, अप्रैल 12 -- सांडी। सांडी पक्षी विहार में जैव विविधता के सजीव संग्रहालय को देखने आने वाले सैलानियों को खान पान और ठहरने के लिए लाखो की धनराशि खर्च कर बनाया गया मोटल पर्यटन विभाग की अनदेखी के चलते जर्जर अवस्था में पहुंच गया है। आलम यह है कि प्रदेश की नई पर्यटन नीति के तहत करीब साल भर पहले लीज पर दिया गया, लेकिन संचालित नहीं होने से सैलानी मायूस हैं। सन 1990 में प्रसिद्ध दहर झील को तत्कालीन सरकार के अनुरोध पर राज्यपाल की मंजूरी के बाद संरक्षित क्षेत्र घोषित कर रेंजर के नेतृत्व में सुरक्षा स्टाफ की तैनाती कर दी गई। इसके बाद प्रदेश सरकार की ओर सैलानियों को ठहरने की व्यवस्था के लिए दहर पुलिया तिराहे पर करीब 20 लाख रुपये की धनराशि मंजूर करते हुए पीडब्ल्यूडी विभाग को मोटल निर्माण की मंजूरी दी गई। नतीजन सन् 1999 में मोटल बनकर तैयार हो गया।...