रांची, मार्च 5 -- रांची, वरीय संवादाता। एदारा-ए-शरिया के मुफ्ती व काजी मो फैजुल्लाह मिसबाही ने कुरआन की सूरह अल बकरा की आयत 185 की जानकारी दी। मुफ्ती ने बताया कि अल्लाह पाक ने इस आयत में रमजान के महीने की दो विशेष महानता को बयान किया है। (१) कुराने करीम जो मनुष्य की हिदायत और मार्गदर्शन के लिए है, उसे एक साथ रमजान की शबे कद्र में लोहे महफूज से आसमाने दुनिया की तरफ उतारा गया और वह बैतूल इज्जत में रहा, जो इसी आसमान पर एक जगह है, जहां से थोड़ा-थोड़ा जरूरत और हिकमत के मुताबिक जिब्रील अलैहिस्सलाम कुरान को नबी अलैहिस्सलाम के पास लाते रहे और इस तरह पूरा कुरान 23 सालों में नाजिल हुआ। रमजान महीने की दूसरी विशेषता यह है कि इसको रोजा जैसी इबादत के लिए चुना गया। इस आयत के आखिर में बताया गया कि रमजान के रोजे 29 या 30 दिन के होंगे। इस पर मनुष्य को अल्ल...