अररिया, अगस्त 15 -- कुर्साकांटा, निज प्रतिनिधि ...सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजू ए कातिल में है। इसी देश भक्ति जज्बों के साथ कुर्साकांटा प्रखंड के रणबांकुरो ने ब्रिटिश हुकूमत को हिला कर रख दिया। यही कारण था कि कुर्साकांटा के रणबांकुरों ने 1947 से पूर्व 21 अगस्त 1942 को कुआड़ी थाना में तिरंगा फहराया था। इस दौरान रणबांकुरों को ब्रिटिश फौजों से लाठी खानी पड़ी, खून बहाना पड़ा, जेल जाना पड़ा, यातना सही पड़ी और तो और नौकरी तक गवांनी पड़ी थी। लेकिन इन रणबांकुरों ने उफ तक नहीं किया। स्वतंत्रता सेनानी विश्वनाथ गुप्ता के बेटे कुआड़ी निवासी एमपी गुप्ता ने बताया कि 1942 के अंदोलन में अंग्रेजों को देश से भगाने के लिए महात्मा गांधी के करो या मरो के आन पर सैकड़ों युवक आजादी की लड़ाई के लिए मिड्ल स्कूल कुर्साकांटा के मैदान में जुटे...