नई दिल्ली, फरवरी 14 -- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 16 साल पहले दोनों देशों के बीच हुए ऐतिहासिक असैन्य परमाणु समझौते के तहत भारत में अमेरिकी डिजाइन वाले परमाणु रिएक्टरों के निर्माण को सुविधाजनक बनाने की दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प लिया। 2008 में ऐतिहासिक डील होने के बाद पहली बार है जब दोनों देशों ने इस दिशा में तेजी से आगे काम करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है और पूरे संकेत भी दिए हैं। भारत और अमेरिका के बीच यह 21वीं सदी की सबसे बड़ी डील कही जा सकती है। इस डील को फाइनल यूपीए सरकार में ही किया गया था। हालांकि अब तक इसे जमीन पर उतारने का काम नहीं हो सका अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय 'व्हाइट हाउस' में गुरुवार को ट्रंप और मोदी ने अपनी बातचीत में ऊर्जा सहयोग को मजबूती से आगे बढ़ाने क...
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