बोकारो, अप्रैल 30 -- आत्मसमर्पण के बाद ओपन जेल हजारीबाग भेजी गई माओवादी सुनीता उर्फ लीलमुनी का वर्ष 2017 में 14 वर्ष की आयु में माओवाद से जुड़ाव हुआ। जिसका आधार रोजी रोटी व भरण पोषण था। पुलिस की पूछताछ में यह बात सामने आई कि 2017 में लीलमुनी के सामने आजीविका की समस्या थी। परिवार व खुद की दैनिक जरूरतों को पूरा दूभर हो रहा था। इन्हीं जरूरतों को पूरा करने के लिहाज से दुमका में उसका माओवादियों के सहचरी संगठन से जुड़ाव हुआ। माओवादी सांस्कृतिक संगठन से जुड़कर वो नाच गाना व नुक्कड़ नाटक के जरिए सुदूरवर्ती जंगल पहाड़ों में लोगो को माओवादी की नीतियों से जोड़ने का काम करने लगी। इस एवज में उसकी कुछ जरूरतें पूरी होने लगी। इसी बीच माओवादी सांस्कृतिक संगठन के लिए काम करते हुए वो 2017 में ही दुमका में पहली बार पुलिस के हाथों गिरफ्तार हुई। जेल में कई हार...