नई दिल्ली, अक्टूबर 17 -- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2005 के एक मामले में नाबालिग के कथित अपहरण और बलात्कार के आरोप में दोषी ठहराए गए इस्लाम उर्फ पलटू को सभी आरोपों से बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि पीड़िता की शादी लगभग 16 वर्ष की उम्र में मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत की गई थी, जो अमान्य नहीं है। उस समय लागू कानून के तहत पति-पत्नी के बीच संबंध अपराध नहीं माना जा सकता था। एकल पीठ न्यायमूर्ति अनिल कुमार ने निचली अदालत के 2007 के फैसले को रद्द करते हुए यह निर्णय सुनाया। ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 363, 366 और 376 के तहत सात वर्ष के कठोर कारावास की सजा दी थी।स्वेच्छा से घर छोड़ने की बात स्वीकार की हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान पीड़िता की गवाही का विश्लेषण करते हुए पाया कि अपहरण का आरोप साबित नहीं होता। जहां एक ओर पित...