जयपुर, अक्टूबर 6 -- जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल का ट्रॉमा सेंटर रविवार देर रात किसी नर्क से कम नहीं था। रात 11:20 बजे न्यूरो आईसीयू से उठता धुआं देखते ही देखते मौत की खबरों में बदल गया। जिन मशीनों पर जिंदगी टिकी थी, वही जहर उगलने लगीं। हर तरफ अफरा-तफरी मच गई, और मिनटों में पूरा आईसीयू धुएं से भर गया। भरतपुर के रहने वाले शेरू की आंखों के सामने उनकी मां जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही थीं। "धुआं उठना 20 मिनट पहले ही शुरू हो गया था। हमने स्टाफ को बताया, पर किसी ने ध्यान नहीं दिया," वार्ड बॉय भाग गए शेरू की आवाज कांप जाती है। "धीरे-धीरे प्लास्टिक की ट्यूब पिघलने लगी, और वार्ड बॉय वहां से भाग गए। हमने खुद अपनी मां को बाहर निकाला।" शेरू बताते हैं कि हादसे के दो घंटे बाद उनकी मां को ग्राउंड फ्लोर पर शिफ्ट किया गया, लेकिन अब तक उन्हें यह नही...
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