नई दिल्ली, अक्टूबर 4 -- Purva bhadrapada nakshatra me shani ka fal: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि को एक क्रूर ग्रह माना गया है। शनि हर व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर फल प्रदान करते है। अच्छे कर्म करने वालों को शुभ फल व बुरे कार्यों में लिप्त रहने वालों को शनि दंडित करते हैं या अशुभ परिणाम प्रदान करते हैं। शनि को ज्योतिष शास्त्र में सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह बताया गया है। ग्रहों के कर्म फलदाता शनि करीब ढाई वर्ष में एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं और इसी तरह एक निश्चित समय में नक्षत्र परिवर्तन करते हैं। इस समय शनि पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के गोचर में चल रहे हैं। शनि का नक्षत्र परिवर्तन 3 अक्टूबर को हुआ था और यह इस नक्षत्र में 20 जनवरी 2026 तक रहेंगे। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी गुरु हैं। गुरु के नक्षत्र में शनि का गोचर तीन...