कुशीनगर, फरवरी 12 -- पडरौना, निज संवाददाता। कुशीनगर से प्रयागराज की धरती पर संगम स्नान के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को रास्ते में दिक्कत सहनी पड़ी मगर उनमें उत्साह में कोई कमी नहीं है। जिले के श्रद्धालु 20 किमी पैदल चलकर संगम पहुंचे। घंटों जाम में फंसकर मां विंध्यवासिनी का दर्शन किया। एक दिन पूर्व संगम से घर पहुंचे श्रद्धालुओं ने हिन्दुस्तान से बातचीत में बताया कि 144 साल बाद लगने वाले महाकुंभ में स्नान कर जीवन की अभिलाषा पूरी हो गई है। कुशीनगर की संस्कार संगम की पूरी टीम पिछले 7 फरवरी की शाम को 5 बजे कसया से प्रयागराज के लिए रवाना हुई। 11 घंटे का सफर तय कर 60 सदस्यों वाली टीम की बस 8 फरवरी को भोर में चार बजे प्रयागराज स्थित सौम्या माता मंदिर के समीप पार्किंग स्थल पर पहुंची। वहां से पैदल संगम के तट पर पहुंचकर श्रद्धालुओं ने आस्था की डु...