पटना, नवम्बर 15 -- एनडीए ने बिहार विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है, जबकि महागठबंधन को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। चुनावी नतीजों के बीच एक बड़ा राजनीतिक संकेत यह भी है कि इस बार बिहार विधानसभा में मुस्लिम विधायकों की संख्या 1990 के बाद सबसे कम होकर सिर्फ 10 पर सिमट गई है। यह लगातार आठ चुनावों में सबसे कम प्रतिनिधित्व माना जा रहा है।जनसंख्या 17.7%, पर उम्मीदवार कम राज्य की कुल आबादी में मुस्लिम समुदाय की हिस्सेदारी 17.7% है (राज्य जाति सर्वेक्षण 2022-23 के अनुसार)। इसके बावजूद इस बार न तो महागठबंधन और न ही एनडीए ने 2020 की तुलना में अधिक मुस्लिम उम्मीदवार उतारे। इसका सीधा असर समुदाय के विधायी प्रतिनिधित्व पर पड़ा।AIMIM का उभार जारी, पांच में पांच सीटें जीतीं महागठबंधन में शामिल करने से इनकार किए जाने के बाद असदुद्दीन ओवैसी की...
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