नई दिल्ली, जून 13 -- नेशनल हाईवे-148 (मनोहरपुर-दौसा मार्ग) पर मौत का तांडव थमने का नाम नहीं ले रहा। बीते 16 महीनों में इस हाईवे ने 73 लोगों की सांसें छीन लीं, जबकि 228 लोग घायल हुए हैं। रोज़मर्रा की यात्रा अब एक जोखिम भरा सफर बन चुकी है। इन आंकड़ों को अगर गहराई से देखा जाए तो हर दो दिन में एक हादसा और हर सप्ताह कम से कम एक मौत इस हाईवे पर दर्ज हो रही है। बीते 65 दिनों में ही 14 बड़े हादसे हुए, जिनमें 21 लोगों की जान गई और 34 घायल हुए। ये आंकड़े केवल संख्याएं नहीं, बल्कि सिस्टम की नाकामी का आईना हैं। रायसर थाना क्षेत्र बना ब्लैक स्पॉट सबसे ज्यादा हादसे रायसर थाना क्षेत्र में सामने आए हैं। यहां सड़कों की स्थिति, संकेतकों की कमी, गलत ढंग से बने मोड़ और हाई स्पीड वाहनों की आवाजाही हादसों की बड़ी वजह मानी जा रही है। ताजा हादसा फिर बना मौत की म...
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