हल्द्वानी, सितम्बर 5 -- - श्राद्ध के दौरान सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण हल्द्वानी, संवाददाता। सनातन धर्म में पितरों के श्राद्ध और तर्पण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाने वाले पितृपक्ष इस साल कुछ विशेष ज्योतिषीय परिस्थितियों के साथ आ रहे हैं। इस दौरान दो महत्वपूर्ण ग्रहण भी पड़ेंगे। इस बार पितृपक्ष 16 नहीं 14 दिनों का होगा। सात सितंबर को पूर्णिमा के दिन श्राद्ध की पहली तिथि है। इसी दिन चंद्रग्रहण भी है। इसके चलते दोपहर बाद रात तक ग्रहण के कारण सुबह के समय ही पूर्वजों को तर्पण दिया जा सकेगा। वहीं सर्वतृप्त अमावस्या पर 21 सितंबर को सूर्यग्रहण के दिन श्राद्ध पूरे हो जायेंगे। ज्योतिषी अशोक वार्ष्णेय ने बताया कि पितृपक्ष सात सितंबर से शुरू होकर 21 सितंबर तक चलेगा। उन्होंने दोनों ग्रहणों के दौरान विशेष ध्यान देने के लिए कहा है।
हिंदी हिन्दुस्तान क...
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