गोरखपुर, नवम्बर 2 -- गोरखपुर, मुख्य संवाददाता। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज-2 के तहत पात्र परिवारों के टॉयलेट जियो टैग एवं अप्रूवल में लापरवाही से 15 हजार लाभार्थियों की दूसरी किस्त लटक गई है। असल में सिटीजन एप्लिकेशन पर सत्यापित लाभार्थियों को प्रथम किश्त देने के बाद टॉयलेट निर्माण के बाद जियो टैग कराना अनिवार्य है। इसके अप्रूवल के बाद ही द्वितीय किस्त जारी की जाती है। लेकिन, जियो टैग अप्रूवल की धीमी गति से गोरखपुर की स्थिति प्रदेश स्तर पर खराब श्रेणी में प्रदर्शित हो रही है। गोरक्षनगरी में करीब 85 हजार से अधिक शौचालयों का जियो टैग किया जा चुका है, लेकिन बड़ी संख्या में अप्रूवल लंबित है। मसलन बड़हलगंज में 1356, बेलघाट में 2099, भटहट में 1093, ब्रह्मपुर में 1442 और खजनी में 1442 शौचालयों के अप्रूवल शेष हैं। डीपीआरओ हिमांशु शेखर ठाकुर ने...