मनीष मिश्र, मार्च 17 -- गोरखपुर की 14 साल की किशोरी के शरीर में पिछले एक साल से माहवारी बन रही थी, लेकिन उसके निकलने का रास्ता ब्लॉक था। माहवारी किशोरी के शरीर में ही फैल रही थी। इसके कारण उसके पेट और उसके निचले हिस्सों में बेतहाशा दर्द हो रहा था। आंतरिक अंगों में फैल रहा संक्रमण आंतों तक पहुंच गया था। एम्स की डॉक्टरों ने सर्जरी कर ब्लॉक रास्ते को खोल दिया जिससे किशोरी की जान बच गई। परिजन शुरू में इसे पेट की बीमारी समझ किशोरी को निजी चिकित्सकों के पास ले गए। राहत न मिलने पर उसे लेकर एम्स पहुंचे। वहां किशोरी का इलाज स्‍त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रोफेसर डॉ. आराधना सिंह ने शुरू किया। अल्ट्रासाउंड और परीक्षण से पता चला कि किशोरी के गर्भाशय के मुख के पास सेप्टम (गांठ) बन गया है। इसके कारण किशोरी के गर्भाशय का मुख जन्म से ही बंद हो गया था।...