कुशीनगर, अक्टूबर 24 -- कुशीनगर। एक बार अपने चंगुल में दबोचने के बाद जिंदगी भर के लिए दिव्यांगता का अभिशाप झेलने पर विवश कर देने वाले पोलियो का खात्मा अपने देश से हो गया है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। क्योंकि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अभी भी इसके केस पाए जा रहे हैं। सरकार अपने नौनिहालों को इस खतरनाक बीमारी से बचाए रखने के लिए प्रत्येक सप्ताह बुधवार और शनिवार को अपने नियमित टीकाकरण अभियान में इसकी दो बूंद जिंदगी की (पोलियोरोधी खुराक) पिलाने का बंदोबस्त कर रखी है। इसलिए हर गार्जियन पांच वर्ष तक के अपने बच्चों को यह महत्वपूर्ण खुराक अवश्य दिलाएं। अपने देश में पोलियो का आखिरी केस 13 जनवरी, 2011 को पाया गया था। इसे जंगली पोलियो नाम दिया गया था। यह देश का आखिरी मामला दर्ज हुआ था, जो पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में सामने आया था। ...