कटिहार, मार्च 25 -- कटिहार, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि सनातन धर्म में खरमास का विशेष महत्व है। इस दौरान शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक होती है। 14 मार्च से शुरू हुआ खरमास 13 अप्रैल को समाप्त हो जाएगा, जिसके बाद 14 अप्रैल से विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन जैसे मांगलिक कार्य आरंभ हो सकेंगे। खरमा की चर्चा करते हुए आचार्य अंजनी कुमार ठाकुर ने बताया कि जब सूर्य देव गुरु की राशि धनु और मीन में प्रवेश करते हैं, तब खरमास लगता है। इस दौरान सभी शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। यह अवधि करीब एक महीने की होती है। इस बार 14 मार्च से 13 अप्रैल तक खरमास रहा, जिससे इस अवधि में कोई भी वैवाहिक या अन्य शुभ आयोजन नहीं किए गए। खरमास में वर्जित होते हैं ये कार्य आचार्य ठाकुर बताते हैं कि खरमास में विवाह, गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत संस्कार, नया व्यवसाय शुरू करना, नया वाहन...