नई दिल्ली, नवम्बर 26 -- सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के जिला अस्पताल को हरीश राणा के मामले में 'पैसिव यूथेनेसिया' (निष्क्रिय इच्छा-मृत्यु) की संभावना जांचने के लिए एक प्राथमिक मेडिकल बोर्ड तुरंत गठित करने का बुधवार को निर्देश दिया, जो 100 प्रतिशत विकलांगता का शिकार है और पिछले 12 साल से अधिक समय से पूरी तरह निष्क्रिय एवं बिस्तर-बंध अवस्था में जीवन-रक्षक प्रणालियों पर जीवित है। बता दें कि हरीश राणा ( 31 ) पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र थे। वर्ष 2013 में वह अपने पेइंग गेस्ट हॉस्टल की चौथी मंजिल से गिर गए थे, जिससे उनके सिर में गंभीर चोटें आईं। तब से वह लगातार बिस्तर पर हैं और पूरी तरह वेंटिलेटर पर निर्भर हैं। न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने नोएडा सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल को हरीश राणा के पिता की याचिका पर दो सप...