भागलपुर, मई 26 -- भागलपुर, अंकित आनंद/वरीय संवाददाता। सुल्तानगंज-नाथनगर ग्रामीण जलापूर्ति योजना, जो कभी भागलपुर जिले के आर्सेनिक प्रभावित इलाकों के लिए जीवनदायनी मानी जा रही थी, शुरुआत के 12 साल बाद भी अधर में लटकी हुई है। लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के दावों के बावजूद, इस भीषण गर्मी में भी गंगा के शुद्ध पानी से आर्सेनिक प्रभावित गांवों की प्यास नहीं बुझ पायी है। स्थिति यह है कि वादे और दावे सिर्फ कागजों तक सीमित रह गए हैं। पीएचईडी विभाग का दावा है कि मई 2025 तक यह योजना पूरी हो जाएगी और जून 2025 तक जलापूर्ति शुरू हो जाएगी। लेकिन योजना की प्रगति उस अनुरूप नहीं है। योजना में लेटलतीफी का सबसे बड़ा खामियाजा नाथनगर प्रखंड के आर्सेनिक प्रभावित इलाकों के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। सुल्तानगंज के गंगा किनारे के कुछ गांवों में जलाप...
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