नई दिल्ली, जुलाई 10 -- सावन शुरू होने के साथ ही भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिगों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ेगा। वहीं कांवर लिए कांवरिया भी इन ज्योतिर्लिगों पर जलाभिषेक के लिए दूर-दूर से आते हैं। झारखंड में मौजूद बाबा बैद्यनाथ धाम। जिसे लोग बैजनाथ के नाम से भी जानते हैं। इस मंदिर में केवल भगवान शिव की नहीं बल्कि माता सती भी विराजती हैं।माता सती का गिरा है अंग बाबा बैद्यनाथ धाम में माता सती का ह्रदय गिया है। इसलिए ये एकमात्र ज्योतिर्लिंग है जहां भगवान शिव के साथ खुद शक्ति विराजती हैं और ये मंदिर 52 शक्तिपीठों में भी गिना जाता है, जहां देवी सती के अंग गिरे थे। इस मंदिर के चारों तरफ मां बगलामुखी, तारा मंदिर, काली मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर, मां सरस्वती का मंदिर, मनसा देवी मंदिर, माता संध्या और त्रिपुर सुंदरी का मंदिर है।बाबा बैद्यनाथ धाम के हैं कई ...