पीलीभीत, जून 9 -- पीलीभीत टाइगर रिजर्व अब धीरे- धीरे अपनी जवानी की ओर अग्रसर होने लगा है। समय के साथ ही यहां पर संसाधनों की उपलब्धता बढ़ी तो बाघों की संख्या में तेजी के साथ संख्या बढ़ने लगी है। इससे अब टाइगर रिजर्व का दायरा भी कम पड़ने लगा है। कम दायरा होने से बाघों ने भी अन्य वन्यजीवों के साथ मानों समझौता कर लिया। आए दिन सैलानियों को बाघ व अन्य वन्यजीवों के दीदार होने से कौतूहल है। पयर्टन के मामले में भी टाइगर रिजर्व ने देश दुनिया में खास पहचान बनाई है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व को पहले अभ्यारण का स्थान दिया गया था। इसके बाद नौ जून 2014 को शासन ने इसे पीलीभीत टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया था। टाइगर रिजर्व बनने के बाद यहां पर बाघों की घटती संख्या अधिकारियों और वन्यजीव प्रेमियों के लिए चिंता का कारण बनी हुई थी। उस समय यहां पर महज 25 के आसपास बाघ ह...
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