विकासनगर, जुलाई 23 -- सावन की शिवरात्रि पर हनुमदधाम में 101 लीटर गंगा जल और दूध से भगवान शंकर का अभिषेक किया गया। मुख्य आचार्य आकाश पंडित ने बताया शिवरात्रि को शिव और पार्वती के मिलन का प्रतीक माना जाता है और भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। शिवरात्रि मनाने की कई धार्मिक मान्यताएं हैं, जिनमें एक मान्यता यह भी है कि इसी दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान शिव ने विष ग्रहण किया था। विषपान करने से उनके गले में जलन होने लगी थी, तब देवताओं ने उनका उनका अभिषेक कर उसके असर को समाप्त किया। कुछ मान्यताओं के अनुसार शिव पार्वती का विवाह भी इसी दिन हुआ। बताया कि इस दिन शिवजी का अभिषेक करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और मनुष्य अकाल मृत्यु से बचता है। इस दौरान मंत्रोचार करने वालों में जीवन भट्ट, विनय उनियाल, हनुमान धाम के महंत विष्णु महावर, विकास शर्मा...
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