झरिया, नवम्बर 2 -- झारखंड का झरिया बीते 100 सालों से सुलग रहा है। यहां की धरती आग उगलती है, वजह है जमीन के अंदर मौजूद कोयला खदानों में लगी आग। यही आग रह-रहकर धरती का सीना चीरकर बाहर निकलती है और इंसानों, जानवरों, पेड़-पौधों को निगल लेती है या फिर रह-रहकर नष्ट कर रही है। यहां के लोग मौत के साए में जीने को मजबूर हैं। दरअसल झरिया धनबाद के अंतर्गत आने वाला एक कोयला क्षेत्र है, जो भारत के सबसे बड़े कोयला भंडार में से है। अनुमान है कि यहां करीब 19.4 बिलियन टन कोकिंग कोल मौजूद है, जो कि करीब 300 मीटर नीचे ही मिलना शुरू हो जाता है। यहां 23 बड़ी भूमिगत और 9 खुली खदाने हैं।109 साल पहले लगी थी आग इतना बड़ा कोयला भंडार होने के कारण यहां अंग्रेजों के जमाने (साल 1894) से खनन हो रहा है। कोयला मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 1916 में यानी आज से करीब ...
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