नई दिल्ली, अप्रैल 11 -- 10 से 14 साल तक के बच्चों की परवरिश काफी मुश्किल भरी होती है। इस वक्त पर बच्चों के मन में कई सारी बातें चलती रहती हैं। वहीं ये वक्त उनके फिजिकल बदलाव का भी होता है। ऐसे समय में अगर हर काम के लिए उन्हें पैरेंट्स रोकते या टोकते हैं तो इससे बच्चों के मन में माता-पिता के लिए दूरियां बन जाती है। अगर आपका बड़ा होता बच्चा दिनभर अकेले कमरे में समय बिता रहा है तो भूलकर भी उसे ये बातें ना बोलें।बार-बार ना कहें बच्चा अगर अकेले कमरे में बैठ रहा है तो बार-बार बच्चे को उस काम के लिए टोकें नहीं। बल्कि मौका मिलने पर उनसे यूं हीं कैजुअली बातें करें। पढ़ाई-लिखाई या किसी भी टॉपिक पर बस उनसे बात करें।बच्चे पर शक ना करें बच्चा अगर अकेले कमरे में बैठ रहा है तो उसकी स्क्रीन टाइम, मोबाइल चलाने की आदत को लेकर ना रोकें। बल्कि उसकी स्क्रीन ट...