मेरठ, जून 23 -- मेरठ में फर्जी स्टांप के खेल का मामला बढ़ता जा रहा है। अब निबंधन विभाग के स्तर से जांच में 10 साल पुराने बैनामों में भी फर्जी स्टांप के खेल का पता चला है। आठ से 10 साल पुराने 72 बैनामों में स्टांप पेपर का फर्जीवाड़ा मिला है। एआईजी स्टांप के अनुसार अब इन मामलों में भी शासन के निर्देश के तहत स्टांप एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। पूर्व में शासन के निर्देश पर वित्तीय वर्ष 2024-25 से पहले के तीन वर्षों के बैनामों की पहले चरण में जांच कराई गई थी, जिसमें 997 फर्जी स्टांप के मामलों का पता चला। शासन के निर्देश पर वित्तीय वर्ष 2022-23 से पिछले पांच साल 2017-18 तक के बैनामों की जांच कराई गई। इन पांच साल के बैनामों में 209 और फर्जी स्टांप के मामले मिले। इस तरह फर्जी स्टांप के कुल 1206 मामले हो चुके। इन सभी में शासन के निर्देश पर निबंधन वि...