नई दिल्ली, नवम्बर 8 -- वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क, संवाद, गणित और व्यापार का कारक ग्रह कहा जाता है। बुध को ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है। बुध मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं और लगभग 23 दिनों तक एक राशि में रहते हैं, फिर अगली राशि में प्रवेश करते हैं। समय-समय पर ये ग्रह वक्री और मार्गी भी होते रहते हैं, जिसका असर सभी राशियों पर अलग-अलग पड़ता है। इस बार 10 नवंबर, रविवार को बुध ग्रह वृश्चिक राशि में वक्री होने जा रहे हैं। यह राशि मंगलदेव के स्वामित्व में है, इसलिए इस परिवर्तन का प्रभाव थोड़ा तीव्र रहेगा। बुध की यह वक्री चाल 30 नवंबर तक जारी रहेगी। इस दौरान कुछ राशियों को शुभ फल की प्राप्ति होगी। आइए जानते हैं, बुध की वक्री चाल से किन राशियों का शुरू होगा गोल्डन टाइम- मिथुन राशि- मिथुन राशि वालों के लिए बुध ग्रह स्वामी होते...