गोपालगंज, नवम्बर 21 -- फुलवरिया, एक संवाददाता कतर की राजधानी दोहा में ब्रेन हेमरेज से हुई विजय चौहान की मौत के दस दिनों बाद कागजी प्रक्रिया पूरी होने पर शुक्रवार को उनका पार्थिव शरीर रकबा खाप स्थित गांव पहुंचा। शव पहुंचते ही घर में कोहराम मच गया। पति का शव देखते ही कैंसर से पीड़ित पत्नी कुशमावती देवी दहाड़ मारकर रोने लगीं और विक्षिप्त-सी हो गईं। उन्हें संभालने में आसपास की महिलाओं को काफी मशक्कत करनी पड़ी।वहीं दोनों पुत्र राकेश कुमार, अमलेश कुमार और पुत्री प्रियंका कुमारी भी अपने पिता के शव से लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगे। चार भाइयों में सबसे बड़े विजय चौहान की मौत की खबर से उनके पिता बहादुर चौहान गहरे सदमे में हैं। उन्होंने बताया कि विजय घर का सहारा था। बेटी प्रियंका की शादी के लिए अगले महीने घर आने वाला था। अब शादी कैसे होगी, यह चिंता परिव...