खूंटी, जुलाई 14 -- दादी-बाबा की कहानियों में अक्सर सुनते हैं कि वो अपने बचपन में दो कोस या चार कोस पैदल चलकर या नदी में तैरकर स्कूल जाते थे। आज भारत विकसित होने के क्रम में आगे बढ़ रहा है, लेकिन नदी में मजबूरन तैरने या सड़क पर लंबी दूरी तय करने वाली सच्ची घटनाएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। मामला झारखंड के खूंटी जिले का है, जहां छात्र-छात्राएं हर हफ्ते दो-तीन बार नदी तैरकर स्कूल पहुंचते हैं। दरअसल बनाई नदी पर बना पुल बीती 19 जून को टूट गया था, जिसके चलते स्कूली बच्चों समेत अन्य लोगों के सिर पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। बनाई नदी पर साल 2007 में एक करोड़ तीस लाख की भारी लागत से पुल बनाया गया था, जो रांची-खूंटी सिमडेगा मार्ग को पेलेल गांव से जोड़ता था। मगर तेज बारिश और आंधी के चलते यह पुल 19 जून को ध्वस्त हो गया। इसके चलते आसपास के...